गुरुवार, 3 मई 2012

ग्वालियर। योगगुरु बाबा रामदेव ने उनपर भड़के सांसदों पर एक बार फिर निशाना साधा है। एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह चाहे तो उन्हें गोली भी मार दे, लेकिन वह अपने अभियान से पीछे नहीं हटेंगे। ग्वालियर प्रवास पर पहुंचे बाबा रामदेव ने कहा कि वह दुर्ग में दिए अपने बयान पर कायम हैं। उनके इस बयान पर राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई थी। लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार ने भी इसे संसद की गरिमा के खिलाफ बताया। मीरा कुमार के बयान पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह संवैधानिक संस्था का सम्मान करता हैं। उन्होंने कहा कि क्या लोकसभाध्यक्ष से यह गारंटी दे सकती हैं कि संसद में एक भी दागी या अपराधी नहीं है। पिछले साल जून में रामलीला मैदान पर अपने योग शिविर के दौरान हुई घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उनकी हत्या की साजिश रची गई थी। उन्होंने कहा कि सरकार यदि उन्हें मारने की ही इच्छा रखती है कि तो वह मुझे सामने से गोली मार दे। लेकिन जब तक शरीर में प्राण रहेगे, मैं अपना काम करता रहूंगा। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ संयुक्त आंदोलन के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन दोनों के बीच आंदोलन का विलय नहीं हुआ है। काले धन के खिलाफ हमारे आंदोलन को अन्ना का समर्थन है और लोकपाल के आंदोलन पर उन्हें हमारा समर्थन है। अपने आंदोलन को पूरी तरह लोकतांत्रिक व संवैधानिक करार देते हुए उन्होंने दावा किया कि इसे बहुसंख्यक लोगों का समर्थन हासिल है।


ग्वालियर। योगगुरु बाबा रामदेव ने उनपर भड़के सांसदों पर एक बार फिर निशाना साधा है। एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह चाहे तो उन्हें गोली भी मार दे, लेकिन वह अपने अभियान से पीछे नहीं हटेंगे।
ग्वालियर प्रवास पर पहुंचे बाबा रामदेव ने कहा कि वह दुर्ग में दिए अपने बयान पर कायम हैं। उनके इस बयान पर राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई थी। लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार ने भी इसे संसद की गरिमा के खिलाफ बताया।
मीरा कुमार के बयान पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह संवैधानिक संस्था का सम्मान करता हैं। उन्होंने कहा कि क्या लोकसभाध्यक्ष से यह गारंटी दे सकती हैं कि संसद में एक भी दागी या अपराधी नहीं है।
पिछले साल जून में रामलीला मैदान पर अपने योग शिविर के दौरान हुई घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उनकी हत्या की साजिश रची गई थी। उन्होंने कहा कि सरकार यदि उन्हें मारने की ही इच्छा रखती है कि तो वह मुझे सामने से गोली मार दे। लेकिन जब तक शरीर में प्राण रहेगे, मैं अपना काम करता रहूंगा।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ संयुक्त आंदोलन के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन दोनों के बीच आंदोलन का विलय नहीं हुआ है। काले धन के खिलाफ हमारे आंदोलन को अन्ना का समर्थन है और लोकपाल के आंदोलन पर उन्हें हमारा समर्थन है।
अपने आंदोलन को पूरी तरह लोकतांत्रिक व संवैधानिक करार देते हुए उन्होंने दावा किया कि इसे बहुसंख्यक लोगों का समर्थन हासिल है।

गाव-गाव को सड़कों से जोड़ने के दावों की खुली पोल